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IAS SUCCESS STORY: UPSC में तीन बार फेल होकर निराश हो गई ,फिर मिला पति का साथ और बनी जिलाधिकारी

आज भारत में प्रतियोगी छात्रों की संख्या करोड़ों में है और इससे यह सिद्ध होता है कि प्रतियोगीता का स्तर कितना ऊंचा है और इसी कड़ी में असफलता तो बहुतों को मिलती है परंतु इस असफलता से सीखते रहना ही बुद्धिमानी है जब (UPSC) के एग्जाम में तीन बार असफल हो जाने के बाद हताश हो गई Trupti Dhodmise और सारी आस खो चुकी ,क्योंकि बार-बार सफलता मिलने पर मनुष्य उसको पाने की चाह छोड़ देता है और पूर्ण रूपेण हताश हो जाता है कुछ ऐसा ही तृप्ति के साथ हुआ किंतु इनके किस्मत में कुछ और ही लिखा था और तृप्ति ने पति द्वारा प्रोत्साहित करने पर पुनः प्रयास किया और अंततः सफलता प्राप्त हुई।

असफलता में सफलता

भले ही तृप्ति ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में तीन बार असफल रही और अपने जीवन में हताश भी हुई किंतु हार नहीं मानी और अपने पति द्वारा मोटिवेट किए जाने और पग पग पर उनका साथ मिलने पर इन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2018 में 16 वी रैंक प्राप्त कर यह दिखाया कि अपनी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए अपितु अपने असफलता से हमेशा सीखना चाहिए यही कारण रहा कि तृप्ति अपने सपनों को पूरा कर सकी और तृप्ति का जीवन संघर्ष मई था और इनके ऊपर विवाहित होने के कारण परिवार की भी जिम्मेदारियां थी किंतु अपने जीवन में इन्होंने कभी हार नहीं मानी।

इंजीनियरिंग कर करने लगी नौकरी

तृप्ति ने अपनी 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और फिर अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने लगे किंतु इनका रुझान कहीं और था और यह नौकरी छोड़ कर चली आई और इसके पश्चात महाराष्ट्र स्टेट सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण कर कार्यरत हो गई इसके पश्चात इन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया किंतु इनका जीवन संघर्षमई था विवाहित होने के कारण पारिवारिक जिम्मेदारियां भी थी इसके साथ नौकरी की भी जिम्मेदारी है थी जिससे यह स्पष्ट होता है कि कितना समय इनको अपने सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए मिलेगा और यह सब नजरअंदाज करते हुए तृप्ति ने अपनी तैयारी जारी रखा।

कदम कदम पर मिला पति का साथ

जब तृप्ति अपनी संघर्षमय जीवन में दूसरी बार संघ लोक सेवा की परीक्षा के सभी प्रारूपों को पास अंतिम राउंड में विफल हुए तो इनका मनोबल डगमगा गया इसके परिणाम स्वरूप अपने तीसरे प्रयास में तृप्ति प्रथम राउंड परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सकी किंतु इनके पति का साथ कदम कदम पर इनको मिला जिसके परिणाम स्वरूप इन्होंने पहले से ज्यादा तैयारी की और पति द्वारा मोटिवेट करने पर इनका मनोबल बढ़ा और अंततः चौथे प्रयास में तृप्ति को सफलता मिली और 2018 में संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी में 16वी रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बनी और उन्होंने अपनी कामयाबी के पीछे अपने पति का हाथ बताया।

सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों के लिए Ias Trupti का सुझाव

आईएस तृप्ति ने सिविल सेवा प्रतियोगी छात्रों को यहां बताया कि आपका आत्मविश्वास ही आपको सबसे बड़ी सफलता दिला सकता है क्योंकि आसान नहीं है या परीक्षा पास करना किंतु नामुमकिन भी नहीं है इसीलिए मनोबल का होना अति आवश्यक है इस परीक्षा को पास करने के लिए सही रणनीति का चयन करें मुझे आता ही नहीं पूर्ण विश्वास है आप जरुर सफल होंगे।

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