दोस्तों हम सभी पकिस्तान के बुरे हालातों से रूबरू हैं क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इतनी बुरी तरह से गिर रही है कि दुनिया भर में इसकी चर्चा हो रही है वहां के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ विश्व बैंक से लेकर बाकी दुनिया भर से मदद की गुहाई लगा रहे हैं आखिर यह सब क्यों हो रहा है चलिए जानते हैं यह बात बेहद जानने वाली है क्योंकि एक समय पाकिस्तान धार्मिक आधार पर अलग मुल्क बना लेकिन आज पाकिस्तान भूख से मर रहा है।
पाकिस्तान के हालात के बारे में मौलाना अबुल कलाम आजाद ने पहले ही चेतावनी दे रखी थी।
यह बात है उस वक्त कि जब जिन्ना पाकिस्तान के अलग होने का सपना बुन ही रहे थे हालांकि मुसलमानों के लिए एक अलग मुल्क शुरू करने की मांग इतनी ज्यादा तेजी से हो रही थी कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने उर्दू पत्रिका में अपना साक्षात्कार दिया। और कुछ इंटरव्यूज दिए जिनमें एक इंटरव्यू को आगा शोरिष कश्मीरी ने लिया था। उनके इंटरव्यू के दौरान हुए बातचीत में कुछ ऐसी बातें सामने आई जो काफी हैरान करने वाली थी।
जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान अगर अलग होकर सामने आया तो क्या यह गलत होगा कि वह मुसलमानों की एकता को दर्शाएगा।
इस सवाल में आजाद ने क्या जवाब दिया उन्होंने कहा कि सभी मुसलमानों को पाकिस्तान में इकट्ठा नहीं किया जा सकता या तो ऐसा हो कि हिंदुओं को पाकिस्तान छोड़ना पड़ेगा क्योंकि लगभग 30 मिलियन को भारत में रहना पड़ेगा और इतना ही नहीं मुस्लिमों के पास कुछ विकल्प होंगे जिनमें पहला कि वे पाकिस्तान चले जाएं दूसरा विभाजन के दंगे फसाद होने के कारण शिकार हो जाए या फिर तीसरा यह कि वह हिंदू धर्म में परिवर्तन कर ले।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान पर उसके बाहरी देशों की शक्तियों का दबदबा बहुत ज्यादा हद तक रहेगा और यह भी बात सच साबित हुई मौलाना आजाद ने इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया कि चीन उनके काफी मामलों में बीच-बीच में दखल देता रहेगा तो इस बात से भी आज हम रूबरू हैं।
बाहरी देशों का दबदबा होने के कारण भी भारत को कोई चोट नहीं आएगी क्योंकि वह पाकिस्तान की हर नक्सली कोशिश पर लगाम लगाने की कोशिश करता रहेगा। इतना ही नहीं जिन्ना और लियाकत अली खान के मरने के बाद पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान अलग हो जाएगा।
और यह बात भी सच है कि पूर्वी पाकिस्तान अलग हो बांग्लादेश के रुप में हमारे सामने है। जिसके चलते आजाद की ये बात भी सच हुई की
पाकिस्तान कर रहा है हर मुमकिन कोशिश
हालांकि अब पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा को बढ़ाने के लिए हर वह मुमकिन कोशिश कर रहा है क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान एसबीपी पे केवल 4.601 बिलीयन डॉलर बचे हैं और यह रकम सिर्फ 4 सप्ताह तक के आयात का भुगतान करने के लिए समर्थ हो पाएगी।