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मुगल गार्डेन का नाम बदलकर हुवा ‘अमृत उद्यान’ जानिए क्या है इतिहास…

वर्तमान सरकार में नाम बदलने की प्रक्रिया कोई नई नहीं है, इससे पहले भी कई जगहों के नाम बदले गए है। कुछ महीनों पहेले ही kings way का नाम परिवर्तित कर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया था।अब मुगल गार्डेन जो कि राष्ट्रपति भवन मे स्थित है, उसका नाम बदलकर अमृत उद्यान रख दिया गया है। 

अब राष्ट्रपति भवन की official website मे मुगल गार्डेन का नाम अमृत उद्यान दिखा रहा है,और राष्ट्रपति भवन की Dupty Secretary नाविक गुप्ता ने भी बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति भवन मे स्थित मुगल गार्डेन को एक सामन्य नाम दिया गया है और इसका नाम बदल कर अब अमृत उद्यान हो गया है।

वैसे तो नाम बदलने की प्रक्रिया पुरानी है लेकिन इस सरकार में यह कुछ ज्यादा देखने को मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिला का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ तो फैजाबाद का नाम बदलकर ‘अयोध्या’ रख दिया गया। और भी देश मे बहुत सारे जगह है जिसके नाम परिवर्तित कर दिए गए है।

जैसे ही मुगल गार्डेन का नाम बदला गया। राष्ट्रपति के इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी के नेता स्वागत करते हुवे बोल रहे हैं कि,100 साल से गुलामी के प्रतीक का अंत हुवा है। वही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मुगल गार्डेन का बोर्ड हटाए जाने का vedio शेयर करते हुवे कैप्शन मे लिख रहें है, “welcome, welcome, welcome”

 

क्या है? मुगल गार्डेन का इतिहास…

दिल्ली मे गार्डेन वा बाग बनवाने का प्रारंभ मुग़लों के द्वारा ही हुवा था। मुगल साम्राज्य के पहले शासक बाबर द्वारा बाग बनवाने का सिलसिला प्रारंभ हुवा,और जब अंग्रेजो ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बदली तो यहाँ भी गार्डन का निर्माण करवाया 

और दिल्ली मे सबसे ज्यादा गार्डेन अकबर के शासन काल मे लगाए है। वर्तमान मे दिल्ली सुंदरता मुगल काल के सुंदरता का एक उदाहरण है, क्यूंकि दिल्ली की डिजाइन करने वाले Sir Edwin Lutiyance

मुगलों के डिजाइन से आकर्षित थे। 

15 एकड़ मे फैले इस मुगल गार्डेन देखने में इतनी खूबसूरत है,कि इसको राष्ट्रपति भवन की आत्मा कहा जाता है।

1911 मे अंग्रेजो ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बदली तो रायसीना की पहाडियों को काट कर वहां वायसराय भवन का निर्माण करवाया गया और जिसकी जिम्मेदारी सर लुटियंस को सौंपी गयी ।

वही वायसराय हाऊस आज राष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति भवन बनने के बाद एक गार्डेन बनाने की योजना बनाई गयी जिसकी जिम्मेदारी भी सर लुटियंस को सौंपी गयी। 

1917 मे गार्डेन की डिजाइन तैयार हो गयी और सर लुटियंस मुगलों के डिजाइन से आकर्षित थे इसलिए इसका नाम मुगल गार्डेन रखा गया। 

जानिए कितनी है यहां गुलाबो कि वेरायटी….

मुगल गार्डेन जो कि अब अमृत उद्यान हो गया है इसकी सुंदरता इतनी की देखने लायक है,और यहां लगे  के 159 प्रकार के गुलाब इसकी सुंदरता को चार चाँद लगाते है। 

फरवरी और मार्च के महीने में इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है जब सभी फूल खिलते हैं। 

यहां गुलाबो के नाम को भारत के कई चर्चित व्यक्तियों के नाम पर रखा गया है।जैसे राजाराम मोहन रॉय, जवाहर लाल नेहरू, मदर टेरेसा,अब्राहम लिंकन,जॉन एफ केनेडी, क्वीन एलिजाबेथ आदि। 

यह हर साल आम पब्लिक को घूमने के लिए खोल दिया जाता है। और यह इस साल सबको घूमने के लिए 31 जनवरी को खोला जाएगा।

 

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